कोरोना से कैसे बचें




   वाइरस दो प्रकार के होते हैं एक जैविक वायरस व दूसरा कम्प्यूटर वाइरस।
  वाइरस को हिन्दी मे विषाणु कहते हैं। 1796 में डॉक्टर एडवर्ड जेनर ने पता लगाया था कु चेचक वाइरस से फैलता है। बाद में उन्होंने चेचक के टीके का आविष्कार किया। 1886 में एडोल्फ मेयर ने बताया कि मोजेक रोग वाइरस से होता है।
  ये वाइरस लाभदायक व हानिकारक दोनों प्रकार के होते हैं। जीवानुभोजी वाइरस लाभप्रद होते हैं। यह हैजा पेचिश टायफाइड रोग उतपन्न करने वाली जीवाणुओं को नष्ट करता है।
  वायरस कोशिका के बाहर मरे हुए रहते है लेकिन कोशिका में प्रवेश करते ही इनका जीवन चक्र शुरू हो जाता है।
  विषाणु 3 प्रकार के होते हैं। पादप जन्तु जीवानुभोजी आदि।
वायरस नाभिकीय अमल और प्रोटीन से मिलकर गठित होते हैं।
  इन दिनों देश विदेश में कोरोनो वाइरस की चर्चा जोरों पर है। इससे हज़ारों लोग मर रहे हैं।चीन से आया कोरोना रोग अब कई देशों में फैलता जा रहा है। कुछ प्राइवेट स्कूल बंद कर दिए गए थे इस रोग के कारण। 
 सरकार पूरी तरह से सजगता से  काम कर रही है। सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किये हैं। आइसोलेशन सेंटर अस्पताल में पूरी तैयारी है।
वायरस का संक्रमण न फैले इस कारण पूरी सतर्कता बरती जा रही है ।
 बुखार खांसी सांस की तकलीफ मांसपेशियों में दर्द सिर दर्द गले मे फोड़ा होना कोरोना के लक्षण हो सकते हैं।
 कोरोना से बचने के लिए सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगावें।छींकते समय नाक व मुँह ढकें।साबुन व पानी से हाथ साफ रखें। सर्दी या फ्लू से संक्रमित लोगो के पास जाने से बचें।पालतू जा जंगली जानवरो से दूर रहें।नाक पर कपड़ा या टिशू रखें।गाउन मास्क दस्तानों का हॉस्पिटल के कर्मचारी इस्तेमाल करें।
 घबराए नहीं। कोरोना संक्रमित रोग है। एहतियात बरतें।